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Lyrics: Jay Dev Jay Dev

Album: N/A
Song: Jay Dev Jay Dev
Released: 0000
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Jay Dev Jay Dev lyrics
प्राणी मात्र झाले दुःखी, पाहता कोणी नाही सुखी
कठीण काळे, ओळखी धरीनात कोणी
माणसा खावया अन्न नाही, अंथरुण पांघरुण ते ही नाही
घर कराया सामुग्री नाही, विचार सुचेना काही
अखंड चिंतेच्या प्रवाही, पडले लोक

जय देव, जय देव, जय जय शिवराया
या, या अनन्य शरणां, आर्या ताराया

आर्यांच्या देशावरी म्लेच्छांचा घाला
आला आला सावध हो शिवभूपाला
सदगदीता भूमाता दे तुज हाकेला
करुणारव भेदूनी तव हृदय न का गेला
जय देव, जय देव, जय जय शिवराया

श्रीजगदंबा जी तव शुंभादीक भक्षी
दशमुख मर्दूनी ती श्रीरघुवर संरक्षी
ती पूता भूमाता, म्लेंच्छा ही छळता
तुजविण शिवराया तिज कोण दुजा त्राता
जय देव, जय देव, जय जय शिवराया

त्रस्त आम्ही दीन आम्ही, शरण तुला आलो
परवशतेच्या पाशी मरणोन्मुख झालो
साधुपरित्राणाया, दुष्कृती नाशाया
भगवन भगवदगीता सार्थ कराया या
जय देव, जय देव, जय जय शिवराया

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